मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास का मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि कभी भारत के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल रहा यह राज्य अब पूरे हिंदुस्तान में सुधारों का ‘मॉडल’ बन गया है। साल 2005 से पहले जो जंगल राज था उस समय में बिहार में लोगों को सरकार से मदद मिलने की कोई आशा नहीं रह गयी थी। दशकों तक बिहार राज्य गरीबी, हिंसा और भ्रष्टाचार के लिये एक कहावत बन गया था लेकिन यह स्थिति वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने से पहले तक ही थी।
‘नीतीश कुमार ने बिहार को भारतीय सुधारों के मॉडल के रूप में बदला। नीतीश कुमार जी ने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में आडंबररहित जीवन और सशक्त नेतृत्व वाली छवि बनाई। नीतीश कुमार के शासन काल में बिहार की तस्वीर बदली है। नीतीश कुमार का सुशासन का फार्मूला ईमानदारी, प्रभावकारी कदमों पर आधारित है। उन्होंने त्वरित अदालतों का गठन किया जिसने तीन सांसदों समेत करीब 66 हजार अपराधियों को सजा दी।
नीतीश कुमार ने सड़कों के निर्माण पर काफी मेहनत की और पांच साल के अंदर करीब 33 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया। ‘सड़कों के इस जाल के साथ बेहतर सुरक्षा की वजह से बिहार की अर्थव्यवस्था वर्ष 2006 से 11 प्रतिशत की वार्षिक दर से कुलांचे भर रही है।आज बिहार राज्य औद्योगिक पॉवरहाउस कहे जाने वाले गुजरात राज्य के बाद अब भारत में दूसरे नंबर पर है।