पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में अभियुक्तों को सजा पर सुनवाई करते हुए एनआइए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने चार आतंकियों इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नुमान अंसारी और मोजीबुल्लाह अंसारी को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने इन पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने घटना को रेयर आफ द रेयरेस्ट माना है। फैसले में कहा है कि इन चारों आतंकवादियों को फांसी पर तब तक लटकाये रखा जाए जब तक इनकी मौत न हो जाए। अदालत ने इम्तियाज अंसारी पर 80 हजार रुपये व हैदर अली, नुमान अंसारी और मोजीबुल्लाह अंसारी पर 90 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया है।
जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इनके अलावा आतंकी उमेर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को आजीवन कारावास तथा 60 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया गया है। अन्य अभियुक्त अहमद हुसैन को 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना, फिरोज असलम को 10 साल की सजा और इश्तेखार आलम को सात साल की सजा और 10 हजार रुपये आर्थिक दंड लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर एक-एक माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।
सभी आतंकियों को कोर्ट में पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी दलील पेश करते हुए आतंकवादियों की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की। इसके बाद एनआइए के अधिवक्ता ललन प्रसाद सिन्हा ने अपनी दलीलों में कहा कि घटना रेयर आफ द रेयरेस्ट है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देकर अधिकतम सजा की मांग की।
विदित हो कि 27 अक्टूबर को एनआइए अदालत ने नौ अभियुक्तों छत्तीसगढ़ के रायपुर के राजा तालाब निवासी उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन कुरैशी, झारखंड के लोहरदगा निवासी हैदर अली, रांची के ओरमांझी के मो. मोजिबुल्लाह अंसारी, रांची के धूर्वा निवासी इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम, यूपी के मिर्जापुर जिले के कतरा कोतवाली के अहमद हुसैन, रांची के फिरोज आलम उर्फ पप्पू, रांची के धूर्वा के नुमान अंसारी व रांची के ही इश्तेखार आलम को आइपीसी और एक्सप्लोसिव एक्ट की विभिन्न धाराओं के अलावा कई अन्य आपराधिक धाराओं में दोषी करार दिया था। दसवें अभियुक्त यूपी के मिर्जापुर के फकरुद्दीन को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तिथि एक नवंबर को मुकर्रर की थी।
27 अक्टूबर 2013 की वह अशुभ तारीख और दिल दहलाने वाली घटना पटनावासियों के जेहन में आज भी ताजा है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए पटना आए थे। गांधी मैदान में बीजेपी ने हुंकार रैली का आयोजन किया था। वे रैली को संबोधित कर रहे थे। उसी समय पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम ब्लास्ट हुआ था। इसके बाद गांधी मैदान में और आसपास छह स्थानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। विस्फोटों में छह लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे। एनआइए ने इस मामले में 2014 में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई।