बिहार में मासूमों के फेफड़ों पर अटैक हो रहा है। मौसम में बदलाव के साथ हवा में घुलता प्रदूषण का जहर सेहत पर भारी पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 2 दिन के अंदर पटना में 583 मासूम सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इन्हें सांस लेने में समस्या के साथ बुखार की शिकायत अधिक है। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम की मार के साथ प्रदूषण निमोनिया दे रहा है। इसे लेकर सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है।
बिहार सरकार निमोनिया को लेकर अभियान चला रही है। 12 नवंबर से 28 फरवरी तक निमोनिया को लेकर विशेष अलर्ट है। निमोनिया का अटैक सबसे अधिक 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर होता है। बच्चों में मौत का यह बड़ा कारण होता है। डॉक्टरों का कहना है कि लक्षण दिखते ही तत्काल बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाए, जिससे खतरा टाला जा सके। राज्य स्वास्थ्य समिति का कहना है, ‘निमोनिया को लेकर राज्य के सभी 38 जिलों को अलर्ट किया गया है।’
पटना मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड की इमरजेंसी में मासूमों की भीड़ है। अधिकतर मासूमों को डॉक्टर ऑक्सीजन दे रहे हैं। देर से आने वाले मरीजों की जान पर भी खतरा है। सीवान के राजकुमार अपनी 10 साल की बच्ची को इमरजेंसी में भर्ती कराए हैं। पहले स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया, जब आराम नहीं मिला तो PMCH के रेफर कर दिया गया है।