ई श्रम -पोर्टल पर राष्ट्रीय डाटाबेस बनाये जाने के उद्देश्य से बिहार राज्य से 3 करोड़ 49 लाख कामगारों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो राज्य के आबादी का 30 प्रतिशत है, जिससे लगभग राज्य के सभी असंगठित कामगार आच्छादित हो जायेंगे| अद्यतन स्थिति के अनुसार राज्य के कुल 2.17 करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण ई श्रम पोर्टल पर किया जा चुका है और ई श्रम कार्ड भी जारी किया जा चुका है| इस उपलब्धि के लिए माननीय मंत्री, श्री जिवेश कुमार ने विभाग के सभी पदाधाकारियों, कर्मचारियों के साथ CSC के कर्मियों को धन्यवाद दिया और बताया की विगत 6 माह में जो प्रगति निबंधन को लेकर राज्य और देश स्तर पर देखी गयी है, वह प्रशंसनीय है|
विदित हो कि अगस्त 2021 से ई श्रम पोर्टल पर निबंधन की शुरुआत होने के उपरांत राज्य में निबंधन की प्रगति थोड़ी धीमी रही थी, जिसका मुख्य कारण राज्य में सितम्बर माह में ही पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने और आदर्श आचार सहिंता लागू होना था| साथ ही जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के साथ CSC के कर्मियों का चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने के कारण निबंधन कार्य प्रभावित रहा| शुरूआत के दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टल पर अधिक बोझ होने के कारण भी गति प्रभावित रही, जिसे चुनाव के उपरांत योजनाबद्ध तरीके से रात्रि में कैंप लगाकर पूरा किया जा रहा है| साथ ही अहले सुबह भी CSC के कर्मियों द्वारा श्रमिकों का निबंधन किया जा रहा है जिससे उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक क्षति ना हो|
माननीय मंत्री द्वारा जिलों में भ्रमण के दौरान ई श्रम पोर्टल पर निबंधन के सम्बन्ध में की गयी समीक्षा और उचित मार्गदर्शन भी प्रगति का मुख्य सहयोगी रहा है| माननीय मंत्री द्वारा राज्य में जिला भ्रमण के समय विशेष रूप से निबंधन की समीक्षा की जा रही है| विदित हो कि निबंधन कार्य को (CSC) कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा कराया जा रहा है जो प्रत्येक पंचायत में कार्यरत है| राज्य स्तर पर स्टेट एडमिन द्वारा निरंतर जिलावार डाटा का मूल्यांकन और अनुश्रवण किया जा रहा है| यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि ई श्रम पोर्टल पर निबंधन की समीक्षा राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की समीक्षा बैठक भी मुख्य सचिव बिहार की अध्यक्षता में भी की गयी थी|
राज्य स्तर पर विभिन्न विभागों (आपदा / कृषि / पथ निर्माण/ भवन निर्माण आदि) में आधार आधारित पंजीकृत कामगारों का भी समायोजन इस ई पोर्टल पर किया जायेगा, साथ ही दिए गए लक्ष्य को जिलावार (जनसंख्या के अनुरूप) विभाजित कर इसे पूरा किया जा रहा है| इससे संबधित पत्र सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को निरंतर अनुश्रवण के लिए अपर मुख्य सचिव, श्रम संसाधन के स्तर से प्रेषित किया जा चुका है|
श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि इस पूरी कवायद का उद्देश्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण है, जिससे श्रमिकों को त्वरित गति से लाभ पहुँचाया जा सके| मैं अपनी ओर से जीविका समूह से जुड़े राज्य के 1.25 करोड़ दीदियों और मनरेगा में कार्यरत 90 लाख श्रमिकों से अनुरोध करता हूँ कि अगर आपने अभी तक अपना निबंधन नहीं कराया है तो शीघ्र इसे करा लें|
सभी वर्ग के श्रमिकों की मदद करेगा ई-श्रम पोर्टल : यह पोर्टल निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों, दूध वालों, मछुआरों, ट्रक चालकों सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मदद करेगा| श्री कुमार ने कहा कि प्रत्येक पंजीकृत कामगार को एक विशेष नंबर के साथ ही ई-श्रम कार्ड दिया जाएगा, जिसके जरिये उन्हें देश भर में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा|
प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को मिलेगा दो लाख का दुर्घटना बीमा: इसके अलावा ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित कामगार के लिए दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर का भी प्रावधान है| यदि पोर्टल पर पंजीकृत कोई कामगार दुर्घटना का शिकार होता है, तो मृत्यु या स्थायी रूप से शारीरिक विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये दिए जायेंगे| श्रम संसाधन विभाग, बिहार मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए सभी स्तरों पर निरंतर क्रियाशील है|