Darbhanga: स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी में ताला लगाकर कार्य बहिष्कार कर दिया है। इससे ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है की हम लोगों को 15 हजार के करीब प्रति माह के हिसाब से दिया जा रहा है। जो प्रतिदिन का 500 रुपया होता है। यह एक राजमिस्त्री की मजदूरी से भी कम है।
वहीं आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर सात्विक ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले 4 वर्षों से स्टाइपेंड का पुनरीक्षण नहीं किया गया है। वर्ष 2017 में सरकार द्वारा यह संकल्प दिया गया था कि प्रत्येक 3 वर्ष में इसका पुनरीक्षण होगा। लेकिन सरकार अपने संकल्पों से लगातार पीछे भाग रही है। हमलोग अपनी मांगों को लेकर हम लोगों ने कई बार आंदोलन किया लेकिन आश्वासन के अलावा हम लोगों को किसी प्रकार का लाभ आज तक नहीं मिला है।
वही सात्विक ने कहा कि फिलहाल हमलोगों को 14 हजार 700 सौ रुपया मिल रहा है। हमलोगों की मांग है कि उसे बढ़ा कर 35 हजार रुपया किया जाए। उन्होंने कहा कि आपातकालीन सेवा फिलहाल बहाल है। उसके अलावा ओपीडी तथा अन्य विभागों से हम लोगों ने अपने आप को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों की मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं स्टाइपेंड बढ़ाने जाने की मांग को लेकर आज पीएमसीएच सहित कई मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के एमबीबीएस की इंटर्न छात्र छात्राओं ने ओपीडी का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है. बहिष्कार के बाद उन्होंने नाथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है इनकी मांग है कि कई महीनों से लगातार यह स्टाइपेंड बढ़ाए जाने की मांग को लेकर संघर्षरत हैं लेकिन आज तक सरकार ने कुछ नहीं किया. अब यह अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं आज ओपीडी के बहिष्कार के बाद लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इनका कहना है कि अगर सरकार ने ओपीडी बहिष्कार के बाद भी हमारी मांग नहीं मानी तो हम किसी भी हद तक जा सकते हैं.