गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनके शव मोरबी के सिविल हॉस्पिटल में पहुंचा दिए गए हैं। मरने वालों में 50 से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 170 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की जान चली गई।
यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है।
सुबह भी आर्मी, NDRF और SDRF की टीमों रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मच्छू नदी में पानी कम करने के लिए चेक डैम तोड़ा जा रहा है।
मामले में ब्रिज की मैनेजमेंट कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज। जांच के लिए कमेटी बनी।
PM मोदी का अहमदाबाद में होने वाला रोड शो रद्द। पीएम केवड़िया से मोरबी जा सकते हैं।
भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे।यह पुल नगर निगम के दायरे में आता है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया।SDRF और NDRF की टीमों ने रातभर बचाव ऑपरेशन चलाया। अभी भी टीमें मौजूद हैं। कच्छ और राजकोट से तैराकों और दमकल की 7 टीमें रवाना की गई हैं। कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। जामनगर से वायुसेना के 50 गरुड़ कमांडो, 50 रेस्क्यू बोट मौके पर मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे पर दुख जताया है। मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। पटेल ने भी मृतकों के आश्रितों को 4 लाख और घायलों काे 50 हजार देने की घोषणा की।
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।
कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। राहुल गांधी ने कहा- गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है। सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें।
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 143 साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।
ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।
पुल टूटने के भयानक हादसे ने मोरबी के लोगों की फिर से एक दर्दनाक घटना की याद दिला दी थी। यह हादसा मच्छू नदी के डैम टूटने से हुआ था। 11 अगस्त 1979 को यह पूरा शहर किस तरह श्मशान में तब्दील हो गया था