बिहार सरकार के पूर्व श्रम संसाधन विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जीवेश मिश्रा ने नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे यहां एक पुरानी कहावत है कि रजिया फंस गई गुंडों में। मुख्यमंत्री की हालत अब समाधान यात्रा की नहीं है। मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम यात्रा कर रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनको सुख और स्वस्थ रखें। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कभी इधर से कभी उधर से कभी यहां कभी वहां करते करते मुख्यमंत्री जी ने अपनी विश्वसनीयता बिहार में जनता के बीच में खो दिया है।
वही जीवेश मिश्रा ने कहा कि इस समय जिस दल के साथ मिलकर नितीश कुमार सरकार चला रहे है। वे खुद अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं। हम समझते हैं कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह अंतिम राजनीति की यात्रा हो रही है। वहीं उन्होंने समाधान यात्रा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह उनका समाधान यात्रा कैसा। अपनी यात्रा में किसानों से नहीं मिलेंगे। पास हुए छात्रों की बात नहीं सुनेंगे। बिहार के नौजवानों से नहीं मिलेंगे। रसोई दीदी से नहीं मिलेंगे। आशा बहनों से नहीं मिलेंगे।
तो सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार किसका समाधान करने निकले हैं। हमे तो लगता है कि वो अपनी सत्ता का समाधान करने निकले हैं। इस समाधान यात्रा के बहाने बिहार की जनता को ठग रहे हैं। अब बिहार की जनता ठगाने वाली नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को भी पता है कि ये जिस डाल पर बैठेंगे कुछ ना कुछ गड़बड़ ही करके आएंगे। जिसका परिणाम बिहार के तीन उपचुनाव में देखने को मिला।
भारतीय जनता पार्टी ने तीन सीट में से दो चुनाव जीतकर बढ़त बना ली और नीतीश जी के कारण ही गोपालगंज में उनकी हार हो गई। यह तेजस्वी यादव को पता है। अगर कुढ़नी में नीतीश कुमार खुद प्रचार के लिए नहीं आए होते तो परिणाम कुछ और होता। वहीं उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब जिनके सथ जाएंगे। उनका बिहार में डूबना तय है। यह बात लालू प्रसाद यादव भी समझ चुके हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बहुत जल्द तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को बाय-बय कहने वाले हैं।