शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई होने वाली है। कानून में संशोधन होने के बाद सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जेल में काटे गए समय और बाकी सजा की समीक्षा की जाएगी। बैठक में रिहा को लेकर भी अहम फैसला लिया जाएगा, जिसे हाई लेवल कमेटी को भेजा जाएगा। इसके बाद रिहाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि CM नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई का भरोसा दिया था। कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में लिखे वाक्य के अंश ” या काम पर तैनात बिहार सरकारी सेवक की हत्या को विलोपित किया जाता है “। गृह विभाग ने कानून में संशोधन करने के बाद अधिसूचना जारी कर दी है।
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद की रिहाई पर फैसला रिमिशन बोर्ड की बैठक में तय होगी। गृह अपर सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा। बोर्ड में आईजी प्रिजन, विधि सचिव,डिस्ट्रिक जज और प्रोवेशन डायरेक्टर सदस्य होते हैं। इसकी बैठक स्क्रीनिंग कमेटी के बाद बुलाई जाएगी।
10 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। उसी दिन गृह विभाग ने अधिसूचना भी जारी की। हालांकि अधिसूचना को सार्वजनिक नहीं किया गया। नीतीश सरकार में हर अधिसूचना को सार्वजनिक की जाती है, लेकिन, इस फैसले को पर्दे के पीछे रखा गया।
CM नीतीश कुमार ने जदयू के एक कार्यक्रम में पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का भरोसा दिया था। पटना मिलर हाई स्कूल मैदान में आनंद मोहन के प्रशंसकों ने डिमांड की थी कि उनके नेता को रिहा किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुले मंच से रिहाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि आप की मांग को मैं सुन लिया है। इन सब बातों को इस तरीके से नहीं कहा जाता है।