रामविलास पासवान के ‘लोजपा’ के स्थापना दिवस पर ही चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को बड़ा झटका दिया है. RLJP सांसद वीणा देवी ने अब चिराग पासवान गुट में आ गई हैं.
लोजपा का जब बंटवारा हुआ था तब वीणा देवी पारस गुट के साथ चली गई थी. लेकिन आज स्थापना दिवस के मौके पर चिराग पासवान के साथ एक मंच पर एक माला में नजर आई.
बता दे कि रामविलास पासवान ने 28 नवंबर 2000 को जनता दल से अलग होकर आज के दिन लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था। इसके बाद यह पार्टी काफी तेजी से पनपी और जबतक रामविलास पासवान राजनीति करते रहे तब तक यह पार्टी कभी विपक्ष में नहीं रही। लेकिन, अब इस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न दोनों अस्तित्व में नहीं है। इसके बाबजूद पार्टी का स्थापना दिवस मनाने की होड़ मची।
दरअसल, लोजपा से अलग होकर अपनी-अपनी पार्टी बनाने वाले रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस और उनके पुत्र चिराग पासवन दोनों ने आज मंगलवार को लोजपा का स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि कहीं यह पार्टी चाचा-भतीजे की राजनीतिक महात्वाकांझा की भेंट तो नहीं चढ़ गई। क्योंकि, रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न डिजाल्व कर दिया गया। ऐसे में सवाल फिर है कि जिस राजनीतिक दल का आज अस्तित्व ही नहीं है आखिर क्यों उसके स्थापना दिवस मनाने की होड़ लगी है।
आपको बताते चलें कि, रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग और पशुपति पारस के राजनीतिक महत्वाकांक्षा टकराने लगे थे. इस बीच चिराग ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। ऐसे में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद दोनों के बीच मतभेद गहरे होते चले गए। उसके बाद पशुपति कुमार पारस गुट ने चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया। इसके बाद दोनों गुटों ने पार्टी पर दावा ठोक। जिसके बाद चुनाव ने दोनों को अलग-अलग नाम और सिंबल दिये।