पश्चिमी चंपारण, बाल्मिकी टाइगर रिज़र्व में आम जन जीवन के लिए मौत का सबब बन चुके आदमखोर बाघ को मारने का आदेश दे दिया गया है| यह आदेश विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक -सह-मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक, बिहार श्री प्रभात कुमार गुप्ता द्वारा जारी किया गया है| जिसमें सभी परिस्थितियों के मद्देनजर आदमखोर बाघ को मार दिया जाना ही आवश्यक समझा गया है| विदित हो कि वन विभाग टीम विगत कई दिनों से इसे पकड़ने के लिए तत्पर थी, लेकिन मौसम के अनुकूल न होने और आदमखोर बाघ द्वारा लगातार चकमा देने के कारण सफलता नहीं मिल पाया|
बाघ का रेस्क्यू कार्य विगत 26 दिनों से चल रहा है। इस काम में 150 लोगों को लगाया गया था। लेकिन जैसे-जैसे बाघ चकमा देने लगा, रेस्क्यू टीम बढ़ती गई। फिलहाल 400 लोगों को इस काम में लगाया गया है। इनमें लगभग 250 वन कर्मी स्थानीय हैं। इसमें वनप्रमंडल एक और प्रमंडल दो के वन कर्मियों को शामिल किया गया है। लेकिन स्थिति पूर्ववत ही है|
जिसको देखते हुए वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 सेक्शन (11) (1) (a) के अनुरूप इस बाघ को आम जनमानस के लिए खतरा और आदमखोर घोषित करते हुए इसे मारने के आदेश दे दिया गया है| जिससे संबंधित पत्र पुलिस महानिदेशक, बिहार को भी प्रेषित कर शूटर को लगाये जाने और बाघ को मारने हेतु आवश्यक सहायता मांगी गयी है| उम्मीद है आदमखोर बाघ को शीघ्र ही समाप्त कर दिया जायेगा