राजद सुप्रीमो की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गयी है। लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव समेत 14 लोगों पर केस दर्ज है। इस मामले में अब सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया है।
सीबीआई ने इसी साल अगस्त में आरजेडी से जुड़े लोगों और लालू प्रसाद यादव के परिवार के तमाम ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव समेत उन 12 लोगों को भी आरोपी बनाया है, जिन्होंने कथित तौर पर लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी ली।
जानकारी के मुताबिक पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम है। दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं। तीसरी सेल डीड 2015 की है, जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है। इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है, जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है, जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया।
सीबीआई के मुताबिक नौकरी बांटने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के घर पर पूरा एक ऑफिस काम करता था. इसे ट्रेंड लोग चलाते थे. जो नौकरी के लिए जमीन या पैसे देते थे उन्हें सर्टिफिकेट से लेकर दूसरे कागजात तैयार करने में पूरी मदद की जाती थी. फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर भी कई लोगों को नौकरी दी गयी. सीबीआई को ऐसे कई फर्जी कागजात मिले हैं।सीबीआई के मुताबिक लालू यादव ने जिन लोगों को रेलवे की नौकरी दी, उनकी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया. बिहार के छपरा, गोपालगंज, सिवान, पटना जैसे जिलों के लोगों को हैदराबाद, चेन्नई से लेकर गुवाहाटी तक में ग्रुप डी की नौकरी में बहाल कर लिया गया।सीबीआई के मुताबिक जिन्हें नौकरी दी जा रही थी, उनसे जमीन लेने का भी अलग ही तरीका अपनाया जा रहा था. पहले जमीन किसी और आदमी के नाम रजिस्ट्री की जाती थी, बाद में वही जमीन लालू परिवार के नाम या तो गिफ्ट कर दिया जा रहा था या फिर औने-पौने दाम में रजिस्ट्री कर दी जा रही थी।
पटना में हृदयानंद चौधरी नाम के एक व्यक्ति को रेलवे खलासी की नौकरी दी गयी. उसके नाम पर एक ऐसे व्यक्ति ने जमीन रजिस्ट्री की, जिसके परिवार के एक सद्स्य को रेलवे में नौकरी दी गयी थी. बाद में हृदयानंद चौधरी ने वह जमीन लालू परिवार के नाम गिफ्ट कर दिया।सीबीआई के मुताबिक इस खेल में लालू यादव ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी औऱ बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, लालू-राबडी की बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी शामिल थीं. सीबीआई के मुताबिक लालू परिवार की तरफ से पैसे की डीलिंग भोला यादव कर रहे थे. भोला यादव को लालू यादव ने अपना ओएसडी बना रखा था. सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार भी किया था. फिलहाल वे जमानत पर रिहा हैं।