सीतामढ़ी: स्थानीय किसान भवन परिसर में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का किसानों ने जोरदार स्वागत किया । किसानों एवं मजदूरों ने चीनी मिल चालू कराने में सहयोग करने का आग्रह भी किया। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के लिए कृषि रोड मैप बनाती है जिसमें से कृषि शब्द गायब हो जाता है। सिर्फ रोडमैप रह जाता है। सरकार सिर्फ सड़कों की खेती करती है। चीनी मिल को चालू कराने के सवाल पर कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में मैं सवाल रखूंगा। आप अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों खासकर एमएलए से समर्थन करने का दबाव बनाइए। क्योंकि कोई भी जनप्रतिनिधि किसानों के सवाल पर चुप्पी साध लेता है। किसान आज निरीह प्राणी बना हुआ है। किसानों के सवाल पर ही इस्तीफा दे दिया सबसे ज्यादा उपेक्षित आज किसानों से संबंधित कृषि विभाग है। क्योंकि यह किसानों से संबंधित है। कृषि पर सरकार ₹4 हजार करोड़ का बजट बनाई है। जबकि किसानों से सरकार डेढ़ लाख करोड़ रुपए कर के माध्यम से वसूल करती है। किसान बदहाल है।
कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार के अन्य चीनी मिलों के अपेक्षा रीगा चीनी मिल को ज्यादा घाटा कैसे लगा यह जांच का विषय है।जबकि बिहार में कोई भी चीनी मिल घाटे पर नहीं चल रही है। सभी चीनी मिल लाभ पर ही चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रखंड अध्यक्ष अनूठा लाल पंडित ने चीनी मिल के बंद होने का सबसे बड़ा कारण मिल मालिक ओम प्रकाश धानुका को बताया। जो किसानों का 70 करोड़ बैंक लिमिट के नाम पर किसानों का 40 करोड़ रुपया लेकर फरार हो गया है। आज किसान और मजदूर परेशान है। चीनी मिल चालू कराने जैसे फर्जी आंदोलन की आड़ में अपने संपत्ति को बेचने के चक्कर में लगा हुआ है। किसानों के बकाए राशि का भुगतान की चिंता किसी को नहीं है। चीनी मिल को एनसीएलटी के चक्कर में न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया है जो एक साजिश है। मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता रमन प्रताप, सिंह आनंद बिहारी सिंह, राजेश कुमार उर्फ सोनू, लक्ष्मी महतो, नरेंद्र कुमार सिंह, संजीत श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन आनंद बिहारी सिंह ने किया।