राजधानी में पुलिस का तालिबानी चेहरा देखने को मिला है। मामला पटना का है। जहाँ शराब पीने के मामले में जितेंद्र कुमार को पुलिस घर से थाने बुलायी। जितेंद्र का कोरोना टेस्ट करवाया गया। कोरोना टेस्ट का रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पुलिस ने जितेंद्र की जमकर पिटाई की। जिससे जितेंद्र का एक पैर टूट गया। साथ ही शरीर के अन्य कई जगहों पर चोटे आई। पीड़ित जितेंद्र कुमार पेशे से शव दाह स्थल पर शव जलाने का कार्य करता है। पीड़ित जितेंद्र ने बताया है कि दीघा थाना क्षेत्र के गेट नम्बर 87 मखदुमपुर स्थित घर में परिवार के बीच पानी को लेकर विवाद हुआ था। जिसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने जितेंद्र को शराब के नशे में गिरफ्तार कर दीघा थाने लाई थी। जहां पीड़ित जितेंद्र की पिटाई की गई।
पीड़ित जितेंद्र ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया है कि बीते रविवार की देर रात, दीघा थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा रस्सी से बांधकर उसकी बुरी तरह से पिटाई की गई। जिसमें उसका पैर टूट गया। इधर जितेंद्र की पत्नी का आरोप है कि पुलिस जितेंद्र को गिरफ्तार करने के दौरान उसके, और उसके बच्चों के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की है। हालांकि दीघा थाने में पिटाई के बाद जितेंद्र की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद आनन-फानन में परिजनों को सूचना देते हुए, पुलिसकर्मियों ने पीड़ित जितेंद्र को पटना के राजबंशी नगर स्थित सरकारी अस्पताल में, उपचार के लिए भर्ती करवाया है। जहां उसके टूटे पैर और चोटों का इलाज करवाया जा रहा है। सोचने वाली बात यह है कि जब पुलिस ने शराब के नशे में जितेंद्र को गिरफ्तार कर ही लिया था, फिर बेरहमी से उसकी पिटाई करने की क्या जरूरत आन पड़ी। वो भी ऐसी पिटाई जिसमे पैर ही टूट जाए।